Monday, 8 October 2012

ये मनमोहन भी ले लो (in HINDI)

As received:

ये मनमोहन भी ले लो;
ये दिग्विजय भी ले लो;
भले छीन लो हमसे सोनिया गांधी!
मगर हमको लौटा दो, वो कीमतें पुरानी;
वो आटा, वो गैस, वो बिजली, वो पानी!
बड़ी मेहरबानी, बड़ी मेहरबानी!!

 
 श्री रामचंद्र कह गए सिया से, ऐसा कलयुग आयेगा;
अन्ना रहेगा भूखा प्यासा, कसब बिरयानी खायेगा!
 
 मैंने अन्ना हजारे से पूछा: कफ़न में जेब क्यों नहीं होती?
अन्ना ने जवाब दिया: बेटा क्योंकि मौत रिश्वत से टाली नहीं जा सकती!
 
एक गरीब आदमी सुबह जल्दी घर से पेट भरने के लिये निकलता है और एक अमीर आदमी पेट कम करने के लिये!
 
राम ने रावण को मारा (र-र), कृष्ण ने कंस को मारा (क-क), गोडसे ने गाँधी को मारा (ग-ग), इसलिये ओसामा को तो ओबामा के हाथो मरना ही था ..(ओ-ओ)!
 

गब्बर:- कितने आदमी थे?
सांभा:- सरकार, 2
गब्बर:- मुझे गिनती नहीं आती, 2 कितने होते हैं?
सांभा:- 2, 1 के बाद आता है।
गब्बर:- ...और 2 के पहले?
सांभा:- 2 के पहले 1 आता है।
गब्बर:- तो बीच में कौन आता है?
सांभा:- बीच में कोई नहीं आता
गब्बर:- तो फिर दोनों एकसाथ क्यों नहीं आते?
सांभा:- 2, 1 के बाद ही आ सकता है, क्योंकि 2, 1 से बड़ा है
गब्बर:- 2, 1 से कितना बड़ा है?
सांभा:- उल्लू के पट्ठे, कमीने गोली मारनी है तो मार दे, तेरा नमक खाया है, चवनप्राश नहीं।

   
दहेज किसे कहते हैं?
 जब कोई लड़का किसी लड़की को जीवन भर झेलने के लिए तैयार हो जाता हो तो इसके बदले उसे दी जानेवाली प्रोत्साहन राशि को दहेज कहते हैं!!!
 
देवताओ ने मिलकर भगवान की तपस्या की। भगवान ने उनसे वरदान मांगने के लिए कहा। देवताओने मांगा कि दुनिया के सभी कोनों में पत्नियां आज्ञाकारी बन जाएं। भगवान ने राजी होते हुए तथास्तु कहा... ... और मुस्कुराते हुए दुनिया गोल बना दी।
 

आदमी (भगवान से : सौ साल आपके लिए क्या हैं ?
भगवान : एक सेकंड।
आदमी : एक करोड़ रुपये आपके लिए क्या है ?
भगवान : एक सिक्का।
आदमी : मुझे एक सिक्का दे दो।
भगवान : एक सेकंड रूको !

 
पत्नी अपने पति की इज्जत क्यों नहीं करती?
 क्यों करेगी? लड़की घर छोड़ती है तो उसे ससुराल मिल जाता है, भाई छोड़ा तो देवर मिला, बहन छोड़ी तो ननद मिली, मां-बाप छूटे तो सास-सुसर मिले, इस तरह पति तो बिल्कुल मुफ्त मे मिला!!! तो बताईए मुफ्त के माल की कद्र कैसे होगी???
 
औरंगजेबः सेनापति, बताओ हम शिवाजी को क्यों नहीं ढूंढ पा रहे हैं
सेनापतिः महाराज, क्योंकि हम मुगल हैं, गूगल नहीं।


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